1 विद्यालय समन्वयक (अध्यापक)
गायत्री परिवार के स्वयंसेवी कार्यकत्र्ताओं/समन्वयकों द्वारा विद्यालयों में सम्पर्क किया जाता है। परीक्षा के उद्देश्य एवं महत्त्व से प्रधानाचार्य/प्राचार्य को अवगत कराकर उस विद्यालय में परीक्षा आयोजित करवाने के लिए प्रेरित एवं सहमत किया जाता है। सहमति/स्वीकृति होने के बाद छात्र-छात्राओं के बीच एक घण्टे का क्लास आयोजित किया जाना चाहिए, जिसमें भासंज्ञाप का परिचय एवं इनके लाभ से अवगत एवं सहमत कराना चाहिए।
2 ब्लाक समन्वयक
भासंज्ञाप के ब्लॉक समन्वयक अपने ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले विद्यालयों के समन्वयकों के बीच समन्वयन का कार्य करते हैं। साथ ही परीक्षा सामग्रियाँ उपलब्ध करवाना एवं विद्यालयों में परीक्षा आयोजन का दायित्व भी निभाते है।
3 तहसील समन्वयक
तहसील स्तरीय समन्वयक परीक्षा में प्रतिभाग करने वाले पंजीकृत छात्र-छात्राओं की सूची, छात्र संख्या एवं परीक्षा सहयोग राशि जिला समन्वयक को उपलब्ध करवाकर उतने प्रतिभागियों के लिए परीक्षा सम्पन्न करवाने संबंधी व्यवस्था के लिए सूचित करते हैं।
4 जिला समन्वयक
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला इकाई (समन्वय समिति) का कार्यभार अन्य समितियों की तुलना में अधिक होता है। ये समितियाँ अपने जिलों के अन्तर्गत आने वाले विद्यालयों में परीक्षा आयोजन हेतु पाठ्य सामग्रियाँ ब्लॉक स्तरीय समितियों को उपलब्ध कराते हैं। साथ ही परीक्षा के मूल्यांकन, परीक्षा सहयोग राशि का संकलन, परीक्षा परिणाम, प्रावीण्य सूची, पुरस्कार वितरण समारोह जैसे कार्यक्रमों को सम्पन्न करवाते है।
5 राज्य समन्वयक
ये समितियाँ भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के केन्द्रीय कार्यालय शान्तिकुञ्ज हरिद्वार एवं अपने राज्य के जिलों के बीच समन्वयक की भूमिका निभाते है। परीक्षा आयोजन संबंधी दिशा-निर्देशों को अपने जिलों में लागू करवाते है। जिला समितियों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाते है। जिला समितियों के गठन में भी इस समिति का विशेष योगदान होता है।